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आरिफा ख़ातून : यूपी वेस्ट

आरिफा ख़ातून : यूपी वेस्ट...

(لقرآن: سورۃ نمبر 13 الرعد (آیت نمبر 28أَعُوذُ بِاللّٰهِ مِنَ الشَّيْطَانِ الرَّجِيمِبِسْمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِيْمِ ۞اَلَّذِيۡنَ اٰمَنُوۡا وَتَطۡمَئِنُّ قُلُوۡبُهُمۡ بِذِكۡرِ اللّٰهِ‌ ؕ اَلَا بِذِكۡرِ اللّٰهِ تَطۡمَئِنُّ الۡقُلُوۡبُअनुवादः ऐसे ही लोग हैं जो ईमान लाए और जिनके दिलों को ईश्वर के स्मरण से आराम और चैन मिलता है। सुन लो, ईश्वर के स्मरण से ही दिलों को संतोष प्राप्त हुआ करता है। (सूरह अल-रअदःआयत 28) वर्तमान की भागदौड़ भरी जीवनशैली में इंसान का जीवन चुनौतियों से भरा हुआ है। जिस कारण थकावट, अकेलापन, उदासी और निराशा की भावनाएं व्यक्ति को गंभीर अवसाद में ढकेल देती है। जो को मानसिक रुप से अस्वस्थ्य होने का एक बड़ा कारण है। लेकिन जब हम ईश्वरीय पवित्र ग्रंथ कुरआन को पढ़ते हैं तो हमें अवसाद से छुटकारा पाने का अमूल उपाय मिलता है। वह यह कि ईश्वर के स्मरण से चैन प्राप्त होता है। उसका कारण यह है कि जब इंसान ईश्वर को याद करता है तो उसे इस बात का ठोस एहसास होता है कि हमारी कठिनाईयों को दूर करने के लिए ईश्वर मौजूद है, जिस कारण ज़िंदगी की चुनौतियों से निपटने का उसमें साहस उत्पन्न हो जाता है। एक आशा की किरण उसके दिल व दिमाग में हमेशा मौजूद रहती है। जब इंसान के...

Uploaded on 27-Mar-2025

घरेलू हिंसा और मानसिक स्वास्थ्य समाज के गंभीर मुद्दे

घरेलू हिंसा और मानसिक स्वास्थ्य समाज के गंभीर मुद्दे...

खान शाहीन संपादकप्रत्येक वर्ष 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। इस दिन स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता लाने की ढेरों चर्चाएं होती हैं। लेकिन अपने देश की बात करें तो अब तक एक महत्वपूर्ण मुद्दे को लगभग अनदेखा ही किया जाता रहा है और वह है महिलाओं का मानसिक स्वास्थ्य। यदि हम अपने समाज पर नज़र दौड़ाएं तो आपको हर दूसरी महिला मानसिक स्वास्थ्य से जूझती हुई दिखाई देगी। लेकिन हमारा दुर्भाग्य है कि हमारे देश में मानसिक स्वास्थ्य पर उतनी चर्चा नहीं होती है जितनी होनी चाहिए। कभी किसी का साया, कभी नज़र लगना तो कभी फलां महिला या लड़की बहुत तेज़ है, बहुत झगड़ालु है यह कहकर बात समाप्त कर दी जाती है। यह जानने और समझने की कोशिश ही नहीं होती कि किसी के स्वभाव में बदलाव आय क्यों है? उस पर किन किन चीज़ों का प्रभाव पड़ा है? महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य को जो चीज़ सबसे ज़्यादा प्रभावित करती है वह है घरेलू हिंसा, या यौन हिंसा  अन्य प्रकार की कोई हिंसा। यह कटु सत्य है कि प्राचीनकाल से ही महिला हिंसा का शिकार रही और वर्तमान समय में भी योजनाबद्ध तरीके से महिलाओं के साथ हिंसा के मामले निरंतर सामने आते रहते है। ज़रा...

Uploaded on 27-Mar-2025

घरेलू हिंसा: एक सुलगती हकीकत जो हर घर को

घरेलू हिंसा: एक सुलगती हकीकत जो हर घर को...

आभा शुक्ला:सोशल एक्टिविस्ट (कानपुर, उत्तर प्रदेश)घरेलू हिंसा एक ऐसा विषय है जिसके प्रति जागरुकता लाने के लिए बहुत प्रयास किए जा चुके हैं और किए जा रहे हैं लेकिन उसके बावजूद इस विष से समाज को मुक्ति नहीं मिल सकी है। इस कारण हमारे देश की हर तीसरी महिला नरक समान जीवन जीने को विवश हैं। क्योंकि अपने ही घर में उत्पीड़न सहना किसी नरक से कम नहीं होता।ज़रा सोचिए घर क्या होता है? प्यार, विश्वास और अपनेपन की बुनियाद पर घर का अस्तित्व बनता है लेकिन जिस घर में प्यार, सुरक्षा और अपनापन होना चाहिए, वही घर दर्द, भय और आँसुओं का गवाह बन जाए, तो समाज का असली चेहरा सामने आ जाता है। क्योंकि घरेलू हिंसा सिर्फ मारपीट ही नहीं होती, बल्कि  यह ऐसा ज़हर है जो धीरे-धीरे आत्मा को छलनी कर देता है। अब सवाल यह उठता है कि यह सब कब तक चलेगा? कब तक दीवारों के पीछे एक पीड़ित महिला का दर्द दबा रहेगा और कब तक एक महिला अपने ही घर की चारदीवारी में कैद होकर घुटन भरी सांसे लेने को मजबूर रहेगीमानसिक स्वास्थ्य पर बर्बरता का असरयह बात हमें और आपको अच्छी तरह समझ लेनी चाहिए कि जब किसी घर में कोई महिला...

Uploaded on 27-Mar-2025