पीसीओएस (PCOS) एक गंभीर बीमारी

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By Super Admin April 14, 2025

हमारे देश में महिलाओं का स्वास्थ्य एक बड़ी चिंता का विषय है, जिसमें प्रजनन स्वास्थ्य से लेकर मानसिक स्वास्थ्य,गर्भावस्था, प्रसव के समय मौत जैसे मुद्दे प्रचलित हैं। महिलाओं की पोषण स्थिति भी चिंता का विषय है, कई महिलाएं आयरन की कमी, एनीमिया और कम वजन या अधिक वजन से जूझ रही हैं। आयरन की कमी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) वाली महिलाओं में पाया जाने वाली एक सामान्य समस्या है।

 पीसीओएस में आयरन की कमी के कारण और यह कैसे प्रभावित करता है

हमारे देश में आयरन की कमी एक बड़ी पोषण संबंधी समस्या है। यह प्रजनन आयु की महिलाओं, गर्भवती महिलाओं और गरीबी रेखा पर जीवन यापन करने वाली महिलाओं में ज़्यादा पायी जाती है। लोहे का प्राथमिक कार्य पूरे शरीर में आयरन का परिवहन करना है। यही कारण है कि अगर आपका आयरन का स्तर कम है तो आपको थकान महसूस हो सकती है। महिलाओं को रजोनिवृत्ति तक 18 मिलीग्राम प्रति दिन की आवश्यकता होती है, लेकिन जब आयरन की आवश्यकता 8 मिलीग्राम प्रति दिन तक कम हो जाती है तो यह समस्या बन सकती है। अगर सीरम फेरिटिन का स्तर 10 मिलीग्राम से कम है तो भी आपको आयरन की कमी हो सकती है। 

मोटी और पतली महिलाओं दोनों में सीरम फेरिटिन मासिक धर्म चक्र की लंबाई, सेक्स हार्मोन-बाइंडिंग ग्लोब्युलिन, कुल टेस्टोस्टेरोन और एंड्रोस्टेनेडिओन, ट्राइग्लिसराइड्स और कुल कोलेस्ट्रॉल से संबंधित पाया जाता है। 

पीसीओएस वाली महिलाओं में हाइपरट्राइग्लिसराइडेमिया आयरन मेटाबोलिज्म से जुड़ा हो सकता है।

 आइए जानते हैं इसके क्या कारण हो सकते हैं? 

* खान-पान में लापरवाही बरता, अपर्याप्त आयरन वाला भोजन लेना। 

* विटामिन सी और कैल्शियम की सही मात्रा अपने आहार में शामिल ना करना।

* खाने में कम कैलोरी वाला भोजन ना लेना।

* मासिक धर्म एवं प्रसव के दौरान खून का अधिक बह जाना।

* आकस्मिक चोट या अन्य कारणों से अधिक खून बह जाना।

* सर्जरी या गंभीर चोट के कारणवश खून भारी मात्रा में बह जाना।

* गर्भावस्था या स्तनपान कराने वाली महिलाएं भी प्रभावित होती हैं।

* इसके अतिरिक्त  क्रोन की बीमारी, सीलिएक रोग, पेप्टिक एवं कोलन अल्सर, बवासीर इत्यादि के कारण भी यह रोग आपको जकड़ सकता है। 

 पीसीओडी महिलाओं पर इसका प्रभाव 

* भावनात्मक और शारीरिक समस्याएं। 

* कम सीखने और याद रखने की क्षमता में कमी

* अत्यधिक थकान 

* मनोदशा (मिज़ाज में तब्दीली)

* पीली त्वचा 

* कमजोरी 

* माइग्रेन 

* सांस की तकलीफ 

* चक्कर आना 

* अवसाद 

* भंगुर नाखून 

* ख़राब भूख 

* एक असहज झुनझुनी या रेंगना 

* गैर-पोषक पदार्थों जैसे बर्फ, गंदगी या स्टार्च के लिए असामान्य लालसा।

 आयरन का स्तर कैसे बढ़ाएँ 

* आयरन युक्त भोजन जैसे मांस, साबुत अनाज,हरी पत्तेदार सब्जियाँ, पालक, दाल, अनाज खाएँ। 

* विटामिन सी युक्त भोजन जैसे कीवी, संतरा, टमाटर, अंगूर, आंवला का सेवन करें।

* भोजन के साथ कॉफी और चाय से बचें क्योंकि ये अवशोषण को बाधित करते हैं। 

* आयरन सप्लीमेंट डॉक्टर की सलाह के अनुसार लें। 

वास्तव में महिलाओं का स्वास्थ्य एक जटिल और बहुआयामी मुद्दा है जिस पर ध्यान और देखभाल की बहुत आवश्यकता है। स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती एवं संतुलित जीवन शैली को प्राथमिकता देकर, महिलाएं जटिल एवं पुरानी बीमारियों के जोखिम को कम कर सकती हैं और अपने जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार कर सकती हैं।


डॉ. तूबा नसर (डाइटिशियन)

भोपाल, मध्यप्रदेश।