जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैय्यद सआदतुल्लाह हुसैनी ने मंगलवार को दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले की कड़ी निंदा की। इस हमले में पर्यटकों समेत कई निर्दोष स्थानीय लोगों की मौत हो गई। जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष ने राज्य और केंद्रीय प्रशासन से पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करने, सुरक्षा उपाय मज़बूत करने और कमज़ोर सुमदायों की सुरक्षा के लिए निर्णायक एवं पारदर्शी कदम उठाने का आग्रह किया है।
सैय्यद सआदतुल्लाह हुसैनी ने कहा, “हम 23 अप्रैल को दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में हुए घातक आंतकी हमले की कड़ी निंदा करते हैं। विदेशी पर्यटकों सहित निर्दोष लोगों की मौत बेहद दुखद है। हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं पीड़ितों और उनके शोकाकुल परिवारों के साथ है। इस तरह के बर्बर कृत्य को किसी भी तरह से उचित नहीं ठहराया जा सकता। यह पूरी तरह अमानवीय है और इसकी पूरी तरह से निंदा की जानी चाहिए। ज़िम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए और उन्हें कठोर सज़ा मिलनी चाहिए।”
Heading :पहलगाम हमले में लोगों की जान बचाते हुए शहीद हुआ कश्मीरी युवा आदिल हुसैन शाह
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“यह बेकसूर हैं, इन्हें जाने दो..इस्लाम किसी बेकसूर पर ज़ुल्म करने की इजाज़त नहीं देता” यह शब्द हैं आदिल हुसैन शाह के जिसने पहलगाम आंतकी हमले में लोगों की जान बचाते हुए अपनी जान गवां दी। वहां पर मौजूद चश्मदीदों का कहना है कि आदिल आंतकियों को रोकने का प्रयास कर रहा था, उनको समझाने की का प्रयास कर रहा था कि यह यहां घूमने आए हैं इन्हें जाने दो। लेकिन जब उसकी बात सुनने को कोई तैयार नहीं था तो उसने आतंकियों से उनकी एके 47 छीनने का प्रयास किया जिसमें उसे भी गोली मार दी गई और वह शहीद हो गया।
आदिल के पिता सैय्यद हैदर शाह ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई को बताया कि, आदिल उनके परिवार का सबसे बड़ा बेटा था और वही एकमात्र कमाने वाला था। वह अपनी ज़िम्मेदारी निभाते हुए, पर्यटकों को बचाते हुए मर गया। हैदर शाह ने कहा, “मुझे उस पर और उसकी शहादत पर गर्व है। मैं केवल उस गर्व के कारण ही आज ज़िंदा हूं नहीं तो मैं अपने जवान बेटे की लाश देखकर ही मर जाता।”
Heading: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने उठाए पाकिस्तान के ख़िलाफ यह बड़े कदम
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23 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के ख़िलाफ कई बड़े कदम उठाए। जिसके तहत 1960 के सिंधु जल समझौते को रोक दिया गया, पाकिस्तान के लिए सार्क वीज़ा स्कीम बंद कर दी गई, पाकिस्तान के मिशन में सैन्य सलाहकारों को वापस जाने को कहा गया, अटारी इंटिग्रेटेड चेक पोस्ट तुरंत प्रभाव से बंद कर दी गई और उच्चायोग में कर्मचारियों की संख्या 55 से घटाकर 30 कर दी गई।
भारत की कार्रवाई के जवाब में पाकिस्तान ने भी कई बड़े फैसले किए हैं। जिसके तहत भारत के रक्षा सलाहकारों और उनके सहायकों को तुरंत देश छोड़ने का आदेश दे दिया गया। भारत के लिए हवाई क्षेत्र बंद कर दिया गया और वाघा बॉर्डर भी बंद करने का आदेश दे दिया गया। साथ ही पाकिस्तान ने कहा है कि सिंधु जल समझौते को तोड़ने का प्रयास युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा।
Heading: ‘रोहित वेमुला एक्ट लागू हो’ – राहुल गांधी
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कांग्रेस सांसद एवं नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को एक लेटर लिखा है। जिसकी जानकारी उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर की और बताया कि कर्नाटक सीएम को लेटर लिखकर उन्होनें रोहित वेमुला एक्ट लागू करने की मांग की है।
उन्होंने लिखा, “हाल ही में संसद में मेरी मुलाकात दलित, आदिवासी और ओबीसी समुदाय के छात्रों और शिक्षकों से हुई थी। बातचीत के दौरान मुझे पता चला कि किस प्रकार कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में जाति के आधार पर भेदभाव झेलना पड़ता है।”
“इसी भेदभाव ने रोहित वेमुला, पायल तड़वी और दर्शन सोलंकी जैसे होनहार छात्रों की जान ली है। भारत के किसी भी बच्चे को वह जातिवाद नहीं झेलना चाहिए, जिसे बाबासाहेब अंबेडकर, रोहित वेमुला और करोड़ों लोगों ने झेला है।” इसी के साथ राहुल गांधी ने बताया कि उन्होंने कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया को लेटर लिखकर रोहित वेमुला एक्ट लागू करने का आग्रह किया है।
Heading: इज़रायल की इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट में बड़ी हार
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गज़ा में इज़रायल द्वारा किए गए युद्ध अपराध के कारण इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (आईसीसी) ने इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैलेंट के खिलाफ वारंट जारी कर चुका है। जिसके विरुद्ध वारंट रद्द करने के लिए इज़रायल ने आईसीसी में अपील की थी कि यह वारंट रद्द किया जाए लेकिन आईसीसी ने इज़रायल की यह अपील खारिज कर दी है।
बता दें कि आईसीसी की ओर से वारंट युद्ध अपराध, मानवता के खिलाफ अपराध या नरसंहार जैसे गंभीर अपराधों के आरोप पर जारी किया जाता है। जिसके तहत आईसीसी को अपराधों की जांच करने और मुकदमा चलाने का अधिकार मिलता है। साथ ही जो आईसीसी सदस्य देश हैं उनसे अपेक्षा की जाती है कि वे आरोपी को गिरफ्तार करें और आईसीसी के समक्ष पेश करें। वारंट जारी होने के बाद इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू आईसीसी के सदस्य देशों का दौरा नहीं कर सकते।